तुम्हारा गोल गोल, हमारा गोल हाफ साईड
न्यायधीशों द्वारा ब्लाग्स और सोशल नेटवर्किंग वेव साईट के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत करना कंेद्र के गले नहीं उतर रहा है। केंद्रीय विधि मंत्रालय ने आचार संहिता का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट और समस्त उच्च न्यायलयों को पत्र लिखकर जवाब तलब किया है। गौरतलब होगा कि कर्नाटक के न्यायधीश शैलेंद्र कुमार ने सबसे पहले अगस्त 2009 में एक ब्लाग आरंभ किया था, जिस पर उन्होने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की आलोचना की थी। कोलेजियम वस्तुतः पांच न्यायधीशों का एक दल होता है, जो न्यायधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति करता है। केंद्र सरकार का मानना है कि अगर माननीय न्यायधीशों ने यह सिलसिला नहीं रोका तो आने वाले समय में इस बारे में केंद्र को कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। केंद्रीय विधि मंत्रालय द्वारा इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करने के पहले यह बात जेहन में अवश्य ही लानी चाहिए थी कि केंद्र सरकार के पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने आचार संहिता की चिंदी चिंदी उड़ाते हुए एक सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर अपने प्रशंसकों से न जाने क्या क्या शेयर किया था, यहां तक कि बतौर केंद्रीय मंत्री उन्होंने अपने आप को काम का बोझ तले दबे होने की बात भी कह दी थी। सवाल यह उठता है कि माननीय जनसेवक गोल मारे तो गोल और अगर कोई दूसरा गोल मारने जाए तो इन्हीं जनसेवकों में से एक उठकर सीटी बजा देगा और उसे हाफ साईड बताकर फाउल करार दे देगा।
न्यायधीशों द्वारा ब्लाग्स और सोशल नेटवर्किंग वेव साईट के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत करना कंेद्र के गले नहीं उतर रहा है। केंद्रीय विधि मंत्रालय ने आचार संहिता का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट और समस्त उच्च न्यायलयों को पत्र लिखकर जवाब तलब किया है। गौरतलब होगा कि कर्नाटक के न्यायधीश शैलेंद्र कुमार ने सबसे पहले अगस्त 2009 में एक ब्लाग आरंभ किया था, जिस पर उन्होने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की आलोचना की थी। कोलेजियम वस्तुतः पांच न्यायधीशों का एक दल होता है, जो न्यायधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति करता है। केंद्र सरकार का मानना है कि अगर माननीय न्यायधीशों ने यह सिलसिला नहीं रोका तो आने वाले समय में इस बारे में केंद्र को कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। केंद्रीय विधि मंत्रालय द्वारा इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करने के पहले यह बात जेहन में अवश्य ही लानी चाहिए थी कि केंद्र सरकार के पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने आचार संहिता की चिंदी चिंदी उड़ाते हुए एक सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर अपने प्रशंसकों से न जाने क्या क्या शेयर किया था, यहां तक कि बतौर केंद्रीय मंत्री उन्होंने अपने आप को काम का बोझ तले दबे होने की बात भी कह दी थी। सवाल यह उठता है कि माननीय जनसेवक गोल मारे तो गोल और अगर कोई दूसरा गोल मारने जाए तो इन्हीं जनसेवकों में से एक उठकर सीटी बजा देगा और उसे हाफ साईड बताकर फाउल करार दे देगा।
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