दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत
Attaullah khan Lyrics
In Hindi
"जमाना'कुछ भी कहे,उसका एहतराम न कर 2
जिसे जमीर न माने -उसे सलाम न कर
शराब पीकर बहकना है,तो उसे न ही 2
हलाल चीज का इस तरह से हराम न कर"
दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत 2
अब पड़ रही है हमको भुलानी मुहब्बत,
दोनों…
किन2 रिफाकतों से दिए बासी मुहब्बत मगर 2
उसकी न याद आई पुरानी मुहब्ब्त्…2
दोनों को
गुजरती रुतों के जख्त अभी तक भरे नही 2
फिर और क्यो किसी को पढ़नी मुहब्बत-2
अब -हमने तो करवटों में जवानी गुजार दी,
हसरत से दर्द गैर का दर देखते रहे
बस पशे रकाब का मंजूर न पूछिए,
क्या देखना था अपना जिगर देखते रहे
इस पर दरे फरेव है क्या इनका एतवार2
ये प्यार खुशनसीब पुरानी मुहब्बत-2 अब
जाने वो कौन से रास्ते से आए घर 2
हर सुखों का अपना अपने साथ लाया है,
मुहब्बत जानू तन्हा मेरे हिस्से में आया है,
मोहब्बत इब्बत मेरी मोहब्बत इन्तहा मेरी,
मोहब्बत से एकराब है वफा फना मेरी।
मोहब्बत आरजू मेरी मोहब्बत जुस्तजू मेरी,
मोहब्बत खामोशी मेरी, मोहब्बत गुफ्तगू मेरी-2
मुहब्बत ही मेरी ताकत, मोहब्बत ही जवानी है -2
मुहब्बत हो न वीरान ,मेरी जिन्दगानी है
जाने वो आज कौन से रस्ते से घर-2
हरमोड़ हर गली पे दिखा दी मोहब्बत-2
अब क्या दिल की हालों का,बयां सबके सामने
न पूछा कैसे-कैसे गुजरती है,
जिन्दगी ऐ दोस्त ,बड़ी तवील कहानी है ,
फिर कभी ऐ दोस्त पिया नसीब भी मुझसा न हो जमाने में
तेरे बगैर गुजरती है चाँदनी ऐ दोस्त
क्या दिल की हालतों का बयां सबके सामने-2
क्या अप्ने आपसे भी तो पाली मोहब्बत-2
अब पड़ रही है हमको भुलानी मुहब्बत
दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत...
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