इश्क जब एक तरफ़ हो तो सज़ा देता है
August 13, 2005Lyricist: Hasrat Jaipuri
Singer: Hussain Brothers
इश्क जब एक तरफ़ हो तो सज़ा देता है
और जब दोनों तरफ़ हो तो मज़ा देता है।
अपने माथे पे ये बिंदिया की चमक रहने दो
ये सितारा मुझे मंज़िल के पता देता है।
ऐ नमकपाश तेरी साँवली सूरत की क़सम
दिल का हर ज़ख़्म तुझे दिल से दुआ देता है।
तू मुझे प्यार से देखे या न देखे ज़ालिम
तेरा अंदाज़ मोहब्बत का पता देता है।
मैं किसी ज़ाम का मोहताज नहीं हूँ ‘हसरत’
मेरा साकी मुझे आँखों से पिला देता है।
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