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Saturday, March 31, 2012

एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा

एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा

July 24, 2005
Lyricist: Farhat Shahzad
Singer: Mehdi Hasan
एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा
मैंने जो संग तराशा वो ख़ुदा हो बैठा।
उठ के मंज़िल ही अगर आए तो शायद कुछ हो
शौक-ए-मंज़िल तो मेरा आबलापा हो बैठा।
शुक्रिया ऐ मेरे क़ातिल ऐ मसीहा मेरे
ज़हर जो तूने दिया था वो दवा हो बैठा।

संग = Stone
आबलापा = Having Blistered Feet

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