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Thursday, March 29, 2012

दोस्ती और दोस्त रहा में ही मिलते है…

November11
दोस्ती और दोस्त रहा में ही मिलते है
कुछ संग चलते है कुछ पल में बिछड़ते है

आज हम है और तुम हो, कल की किसे पता
जो मिले है हममे हम उन के संग ही खुश है

आई याद आज फिर तेरी…

November11
आई याद आज फिर तेरी
तेरी कहानी फिर याद आई

कडक्कते है बदल पर धरती है सुनहरी
वो बीती कहानी आज फिर याद आए
गुज़रा बचपन है आई जवानी
ज़िंदगानी खुवाब बनके आँखो पे छाई
लगाया केरती थी तिलक तेरा माथे माँ
माँ आप उन हसीन पॅलो के थी रवानी
लहराते खेत और हरियाली
ताज़ा दूध और गुड की डाली
आपने वतन की आज एक बार फिर
राहगीन होली याद आई

इतने करीब हो…

November11
इतने करीब हो, फिर क्यो याद आते हो
पास होके भी दूरियों का अहसास जताते हो

तन इतने करीब है. फिर मंन क्यो इतना दूर
जान लो तुम की, मेरी सासों में बस्ते हो
दिल के कतरे करते में तुम ही तुम सनम
इस कदर मेरे मन को क्यो तरसाते हो
एक बार बनलो अपनी बाहों को मेरे गले का हार
इस मन की तुम एक तामाना हो समझा करो

कामिया तो हर शक्श में होती है…

November11
कामिया तो हर शक्श में होती है
ना हो तो हर शक्श खुदा हो

पर गर कामिया होती है तो
उसे सुधारने की क़ाबलियत रखो

यह प्यार भरी जंग…

November11
यह प्यार भरी जंग
अब लगा की है सब संग

भूल कैसे जाए किसे को भी
साथी तो रहेंगे बस हर दम

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