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Thursday, March 29, 2012

कुछ कहेने नही…

November11
कुछ कहेने नही, सिर्फ़ सुनने आए हूँ
आज खामोशी बोलना चाहती हूँ

तेरी हर वो खामोशी सुनना चाहती हूँ
आहेसस है तो जीवन है, वरना सिर्फ़ मौत है

दिल ने दस्ताख दी है,…

November11
दिल ने दस्ताख दी है,
चाहा मुझे बस तेरी है

आजा साजन इन सुनी रातो में,
यह दीवानी अब तेरी है

यह जाम भी आज नशा न दे सके…

November11
यह जाम भी आज नशा न दे सके
जो नशा महबूब के पिलाने में है

क्या करे हम अब शराबी हो चले
मोहब्बत का ऐसा असर चड़ा है

शायरी का शोक न था…

November11
शायरी का शोक न था
तेरे इश्क़ में दीवाने हो गये

शायर बनने का खुवब न था
तेरे हुस्न के कायल हो गये

कुछ बेखरी यादें…

November11
कुछ बेखरी यादें
कुछ टूटे सपने है

छोटा सा आसमान मेरा
और उमीदो की ज़मीन है
यूह तो सब कुछ है ज़िंदगी में
जिससे की मोहोब्बत दिल ने
बस उस शक्श की कमी है…

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