वादियाँ-वादियाँ, रास्ते-रास्ते
August 14, 2005Lyricist:
Singer: Runa Laila
वादियाँ-वादियाँ, रास्ते-रास्ते
मारे मारे फिरे हम तेरे वास्ते।
आबशारों से पूछा कहाँ हैं सनम
और नज़ारों के जा जा के पकड़े क़दम
इन बहारों ने फ़रमाया क्या जाने हम
खा रहा है हमें अब जुदाई का ग़म।
छाले पड़ते गए भागते-भागते।
मचली जाएँ लटें, लिपटी जाए हवा
जलता जाए बदन, रोती जाए वफ़ा
बेवफ़ा मत सता मिल भी जा आ भी जा
कि ख़ता क्या बता क्यों ये दे दी सज़ा।
आँखें पथरा गईं जागते-जागते।
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