दुख की लहर ने छेड़ा होगा
July 26, 2005Lyricist: Nasir Kazmi
Singer: Ghulam Ali
दुख की लहर ने छेड़ा होगा
याद ने कंकड़ फेंका होगा।
आज तो मेरा दिल कहता है
तू इस वक़्त अकेला होगा।
मेरे चूमे हुए हाथों से
औरों के ख़त लिखता होगा।
यादों की जलती शबनम से
फूल-सा मुखड़ा धोया होगा।
मोती जैसी शकल बनाकर
आइने को तकता होगा।
मैं तो आज बहुत रोया हूँ
तू भी शायद रोया होगा।
‘नासिर’ तेरा मीत पुराना
तुझको याद तो आता होगा।
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