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Friday, March 30, 2012

हम कैसे जियें तेरी खातिर

हम कैसे जियें तेरी खातिर

In Hindi
दिल समझे है जन्नत के बदले तेरी जवानी,
ईमान में डाले है खलल तेरी जवनी
है एक हसीन नजम मेरा सरापा,
है एक फड़कती सी गजल तेरी जवनी
आँखों के दरीचों में है अलिफ लैला का मैजर,
बगदाद का है कोई महल तेरी जवानी
फरात के पनघट पे किसी रोज नहीं ले,
खिल उठेगी कमल मानिन्द तेरी जवानी
आओ तो कभी देखो तो जरा2

हम कैसे जियें तेरी खातिर
दिन-रात जलाए बैठे हैं 2
आँखों के दिए तेरी खातिर
आओ तो कभी देखो… कैसे जियें तेरी खातिर…
एक नाता तुझसे जोड़ दिया 2
सब अपनों से मुँह मोड़ लिया
एक नाता तुझसे…
हम तन्हा होकर बैठ गये 2
सब छोड़ दिए तेरी खातिर …
आओ तो कभी देखो तो जरा हम कैसे…
आओ…
कुछ आहें थीं शिंकवे थे होठों पे जिन्हें आने न दिया 2
जो आँख के रास्ते हो आये 2 सब अश्क पिये तेरी खातिर
आओ तो कभी देखो तो जरा …
बदनाम न तू हो जाए कहीं, इन अपनी वफाओं के बदले2
इअन तेरे गमों ये खुशियों के 2
सौ परदे किये तेरी खातिर आओ तो कभी देखो …
मेरे खून जिगर का दाग कहीं दामन पे तेरे न लग जाए
एक अहदे वफा के धागे से 2सब जख्म सिये तेरी खातिर
आओ तो कभी देखो …
हम सब कुछ अपना हार गये बरबाद हुए पर तू न मिला2
बेकार जहाँ नें जीने के 2 इल्जाम लिए तेरी खातिर
आओ तो कभी देखो …

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