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Saturday, March 31, 2012

पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है

पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है

November 17, 2005
Lyrics: Meer Taqi Meer
Singer: Mehdi Hasan
पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है
जाने-ना-जाने गुल ही ना जाने, बाग तो सारा जाने है।
चारागरी बीमारी-ए-दिल की रस्म-ए-शहर-ए-हुस्न नहीं
वरना दिलबर नादाँ भी इस दर्द का चारा जाने है।
महर-ओ-वफ़ा-ओ-लुत्फ़-ओ-इनायत एक से वाक़िफ़ इनमें नहीं
और तो सब कुछ तन्ज़-ओ-किनाया रम्ज़-ओ-इशारा जाने है।
महर = Affection
चारागरी = Healing of Wounds and Pain
तन्ज़ = Jest, Laugh, Quirk, Satire, Sarcasm
किनाया = Riddle
रम्ज़ = Secret, Mysterious

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