जब भी आती है तेरी याद कभी शाम के बाद
August 5, 2005 Lyricist: Krishan Adeeb
Singer: Mehdi Hasan
जब भी आती है तेरी याद कभी शाम के बाद
और बढ़ जाती है अफ़सुरदादिली शाम के बाद।
अब इरादों पे भरोसा है न तौबा पे यकीन
मुझको ले जाए कहाँ तिश्नालबी शाम के बाद।
यूँ तो हर लम्हा तेरी याद को बोझल गुज़रा
दिल को महसूस हुई तेरी कमी शाम के बाद।
मैं घोल रंगत-ए-रोशन करता हूँ बयाबानी
वरना डँस जाएगी ये तीरा-शबी शाम के बाद
दिल धड़कने की सदा थी कि तेरे कदमों की
किसकी आवाज़ सरे जाम सुनी शाम के के बाद।
यूँ तो कुछ शाम से पहले भी उदासी थी ‘अदीब’
अब तो कुछ और बढ़ी दिल की लगी शाम के बाद।
–
अफ़सुरदादिली = Disappointment Of The Heart
तिश्ना = Thirst, Desire
तीरा = तीरागी = Darkness; तीरा-शबी = Darkness of Night
लगी = Longing, Love
Singer: Mehdi Hasan
जब भी आती है तेरी याद कभी शाम के बाद
और बढ़ जाती है अफ़सुरदादिली शाम के बाद।
अब इरादों पे भरोसा है न तौबा पे यकीन
मुझको ले जाए कहाँ तिश्नालबी शाम के बाद।
यूँ तो हर लम्हा तेरी याद को बोझल गुज़रा
दिल को महसूस हुई तेरी कमी शाम के बाद।
मैं घोल रंगत-ए-रोशन करता हूँ बयाबानी
वरना डँस जाएगी ये तीरा-शबी शाम के बाद
दिल धड़कने की सदा थी कि तेरे कदमों की
किसकी आवाज़ सरे जाम सुनी शाम के के बाद।
यूँ तो कुछ शाम से पहले भी उदासी थी ‘अदीब’
अब तो कुछ और बढ़ी दिल की लगी शाम के बाद।
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अफ़सुरदादिली = Disappointment Of The Heart
तिश्ना = Thirst, Desire
तीरा = तीरागी = Darkness; तीरा-शबी = Darkness of Night
लगी = Longing, Love
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