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Thursday, March 29, 2012
हस्सी ने लबों पे तिरकना छोड़ दिया है…
हस्सी ने लबों पे तिरकना छोड़ दिया है…
November
18
हस्सी ने लबों पे तिरकना छोड़ दिया है
ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया है
नही आती अब तो हिचकियाँ भी,
शायद आप ने भी याद करना छोड़ दिया
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