क्या हो MF आंकने का पैमाना?
कविता श्रीराम
निवेशक और फंड मैंनेजर , दोनों म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर करीबी निगाह रखते हैं। निवेशक , निवेश से जुड़े फैसले करने की खातिर सूचना और जानकारी के इंतजार में रहते हैं , जबकि फंड मैनेजर का मेहनताना आम तौर पर इसी से जुड़ा होता है। फंड से मिलने वाला रिटर्न अकेला सारी कहानी में नाकाम रहता है , लेकिन वैकल्पिक निवेशों के बीच तुलना ज्यादा अर्थपूर्ण होती है। इसलिए बेंचमार्क का चुनाव खासी अहमियत रखता है। निवेश से कुल कितना रिटर्न मिलेगा , जोखिम से जुड़ा प्रदर्शन निवेशकों के लिए इससे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो कम निवेश मिलने पर ज्यादा दिक्कत महसूस नहीं करते , लेकिन वे चाहते हैं कि निवेश का साथ कम जोखिम जुड़ा हो।
म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन को आंकने के दो रास्ते हैं :
शार्प रेशियो
शार्प रेशियो जोखिम के समायोजन के बाद सामने आने वाले प्रदर्शन को मापने का रास्ता है। यह जोखिमपूर्ण एसेट की अतिरिक्त उथल - पुथल के लिए निवेश से मिलने वाले अतिरिक्त रिटर्न का आंकने का काम करता है। फर्ज कीजिए कि एक्स निवेश 12 फीसदी रिटर्न देता है। जबकि दूसरा वाई निवेश 10 फीसदी मुनाफे का इंतजाम करता है। इनमें से कौन सा बेहतर प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी है ? 12 फीसदी का एक्स से मिलने वाला निवेश पहली नजर में आकर्षक मालूम देता है , लेकिन आपको इन दोनों निवेश के साथ जुड़े लाभ की गणना करना जरूरी है। मान लीजिए कि एक्स के मामले निवेश जोखिमपूर्ण है , वाई निवेश मुक्त मुनाफा देता है। ऐसा होने पर वाई ने ज्यादा बेहतर रिस्क एडजेस्टेड रिटर्न देगा। एक्स से मिलने वाला रिटर्न उसके साथ जुड़े जोखिम के अनुपात में नहीं है। ( ##include msid= 4117863 ,type= 9 ##)
शार्प रेशियो म्यूचुअल फंड या पोर्टफोलियो से मिलने वाले रिटर्न में जोखिम मुक्त संपत्ति से मिलने वाले मुनाफे को घटाने और उसके बाद उसे स्कीम के स्टैंडर्ड डेविएशन से घटाने पर सामने आता है। म्यूचुअल फंड स्कीम से मिलने वाले रिटर्न में से जोखिम मुक्त एसेट का रिटर्न घटाने से हमें जोखिम मुक्त एसेट की तुलना में स्कीम की ओर से बटोरा गया अतिरिक्त रिटर्न पता चलता है।
इस अतिरिक्त रिटर्न को संपत्ति के स्टैंडर्ड डेविएशन से भाग कर शार्प रेशियो या उसके साथ जुड़ी अतिरिक्त उठापटक के लिए अतिरिक्त रिटर्न तय किया जा सकता है। स्टैंडर्ड डेविएशन शेयर की उठापटक को मापता है। शेयर का रिटर्न , शेयर के औसत रिटर्न से जितना अलग होगा , उसमें उतनी ज्यादा उथल - पुथल दर्ज की जाएगी। ज्यादा शार्प अनुपात रखने वाली एसेट उसी जोखिम के साथ तुलनात्मक रूप से ज्यादा रिटर्न देने का काम करती है।
निवेशक और फंड मैंनेजर , दोनों म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर करीबी निगाह रखते हैं। निवेशक , निवेश से जुड़े फैसले करने की खातिर सूचना और जानकारी के इंतजार में रहते हैं , जबकि फंड मैनेजर का मेहनताना आम तौर पर इसी से जुड़ा होता है। फंड से मिलने वाला रिटर्न अकेला सारी कहानी में नाकाम रहता है , लेकिन वैकल्पिक निवेशों के बीच तुलना ज्यादा अर्थपूर्ण होती है। इसलिए बेंचमार्क का चुनाव खासी अहमियत रखता है। निवेश से कुल कितना रिटर्न मिलेगा , जोखिम से जुड़ा प्रदर्शन निवेशकों के लिए इससे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो कम निवेश मिलने पर ज्यादा दिक्कत महसूस नहीं करते , लेकिन वे चाहते हैं कि निवेश का साथ कम जोखिम जुड़ा हो।
म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन को आंकने के दो रास्ते हैं :
शार्प रेशियो
शार्प रेशियो जोखिम के समायोजन के बाद सामने आने वाले प्रदर्शन को मापने का रास्ता है। यह जोखिमपूर्ण एसेट की अतिरिक्त उथल - पुथल के लिए निवेश से मिलने वाले अतिरिक्त रिटर्न का आंकने का काम करता है। फर्ज कीजिए कि एक्स निवेश 12 फीसदी रिटर्न देता है। जबकि दूसरा वाई निवेश 10 फीसदी मुनाफे का इंतजाम करता है। इनमें से कौन सा बेहतर प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी है ? 12 फीसदी का एक्स से मिलने वाला निवेश पहली नजर में आकर्षक मालूम देता है , लेकिन आपको इन दोनों निवेश के साथ जुड़े लाभ की गणना करना जरूरी है। मान लीजिए कि एक्स के मामले निवेश जोखिमपूर्ण है , वाई निवेश मुक्त मुनाफा देता है। ऐसा होने पर वाई ने ज्यादा बेहतर रिस्क एडजेस्टेड रिटर्न देगा। एक्स से मिलने वाला रिटर्न उसके साथ जुड़े जोखिम के अनुपात में नहीं है। ( ##include msid= 4117863 ,type= 9 ##)
शार्प रेशियो म्यूचुअल फंड या पोर्टफोलियो से मिलने वाले रिटर्न में जोखिम मुक्त संपत्ति से मिलने वाले मुनाफे को घटाने और उसके बाद उसे स्कीम के स्टैंडर्ड डेविएशन से घटाने पर सामने आता है। म्यूचुअल फंड स्कीम से मिलने वाले रिटर्न में से जोखिम मुक्त एसेट का रिटर्न घटाने से हमें जोखिम मुक्त एसेट की तुलना में स्कीम की ओर से बटोरा गया अतिरिक्त रिटर्न पता चलता है।
इस अतिरिक्त रिटर्न को संपत्ति के स्टैंडर्ड डेविएशन से भाग कर शार्प रेशियो या उसके साथ जुड़ी अतिरिक्त उठापटक के लिए अतिरिक्त रिटर्न तय किया जा सकता है। स्टैंडर्ड डेविएशन शेयर की उठापटक को मापता है। शेयर का रिटर्न , शेयर के औसत रिटर्न से जितना अलग होगा , उसमें उतनी ज्यादा उथल - पुथल दर्ज की जाएगी। ज्यादा शार्प अनुपात रखने वाली एसेट उसी जोखिम के साथ तुलनात्मक रूप से ज्यादा रिटर्न देने का काम करती है।
No comments:
Post a Comment