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Monday, May 7, 2012

हसने नहीं देता कभी रोने नहीं देता

हसने नहीं देता कभी रोने नहीं देता
ये दिल तो कोई काम भी होने नहीं देता
तुम मांग रहे हो मेरे दिल से मेरी ख्वाहिश
बच्चा तो कभी अपने खिलोने नहीं देता
में आप उठाता हूँ शब्-ओ-रोज़ की जिल्लत
ये बोझ मेरा दिल किसी को ढोने नहीं देता
वो आज कहा है इससे तो मैं वाकिफ भी नहीं हूँ
जो मुझको kisi or ka hone nahi deta….

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