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Friday, May 18, 2012

यूनान डिफॉल्ट की पहली चोट किस पर?

यूनान के डिफॉल्ट करने पर अब कोई शक नहीं है। यह कब होगा, इस पर जानकारों की राय बंटी हुई है। पिछले हफ्ते एक्सपर्ट्स ने कहा कि यूनान के डिफॉल्ट करने के 95 फीसदी आसार हैं। हालांकि यह कब होगा, इस बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है। यह इस पर निर्भर करता है कि जर्मनी और यूरो जोन के दूसरे देश कब तक यूनान को बचाने की कोशिश करते रहेंगे। यहां हम यूनान संकट से जुड़ी अहम जानकारी आपको दे रहे हैं।

यूनान डिफॉल्ट की पहली चोट किस पर पड़ेगी?

पहली चोट यूनान के बैंकों पर पड़ेगी। ये यूनान सरकार के बॉन्ड के बदले यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) से कर्ज लेते हैं। डिफॉल्ट के बाद यूनान के बैंक ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि बॉन्ड अपनी सॉवरेन डेट रेटिंग बरकरार नहीं रख पाएंगे। इसके बाद ये बैंक दिवालिया हो सकते हैं और उन्हें सरकार से पूंजी भी नहीं मिल पाएगी।

यह मानी हुई बात है कि यूनान के पास कर्ज चुकाने का पैसा नहीं है। ऐसे में डिफॉल्ट से क्या फर्क पड़ेगा?

डिफॉल्ट के साथ औपचारिक तौर पर मान लिया जाएगा कि यूनान कर्ज नहीं चुका सकता है। जर्मनी, फ्रांस के बैंकों और जिन दूसरे संस्थानों के पास यूनान के बॉन्ड होंगे, उन्हें इससे नुकसान उठाना पड़ेगा। अभी कोई भी संस्थान यह बताने को तैयार नहीं है कि उसके पास यूनान सरकार और संकट में फंसे दूसरे यूरोपीय देशों के जारी किए हुए कितनी रकम के बॉन्ड हैं। वित्तीय बाजार इस बारे में अनुमान लगा रहा है और इसी वजह से कई संस्थानों और बैंकों के शेयर की कीमत में कमी आ रही है। इन बैंकों की सिक्योरिटी और स्टॉक जिन दूसरे संस्थानों के पास हैं, उनके शेयर में भी गिरावट आएगी।

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