Jugal Ȩguru
▐ 2जी मामले मे - मन्मोहन ने सलाह ना मानी और हुआ 35000 करोड़ का नुकशान ! आज जेपीसी के 2जी घोटाले पर बैठक मे उपस्थित रहे चन्द्रशेखर ने कीया खुलासा ! उनके कहे अनुसार मनमोहन को 2008 के मुताबित 2जी - स्पेक्ट्रम की नीलामी करनी चाहिए थी ! वो नहीं हुई इस लिए 35000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा - देश के खजाने को ! ▐╘ Read & Learn – Knowledge क्या है ये 2जी ? Spectrum? GSM? GPRS? 3G?╘
दोस्तो ! आज पूरा देश 2जी-...3जी-4जी- और जीजाजी को हर रोज सुनता पधता आया है ! वैसे भी मे एक स्केमोपेडीया [ घोटालो का सामान्य ज्ञान कोश ] बनाने की सोच ही रहा हूँ ! अब कॉंग्रेस ने किए ही ऐसे हाई टेक कांड की आम आदमी तो सिर्फ शब्द जानता है और कुछ नहीं ...! तो जानिए आज समय है और सबसे बड़ी बात मूड है तो जरा --▐ -विस्तार से पढ़िये क्या है ये 2जी घोटाला ?
Φ लो फ़्रिक्वंसी - मिडडियम फ़्रिक्वंसी - हाई Frequency जैसे 3 मुख्य विभागो मे उसे विभाजित किया जाता है जो एक वैश्विक मानक है ! इसके लिए पूरी दुनिया मे हर वायरलेस तकनीक के साधन की बनावट और कार्य के एक निश्चित स्टांडर्ड यानि के मानक होते है !
Φ इसके लिए 'फ्रीक्वंसी को नापे जाने वाला अलग अलग विभाग, और कार्य के लिए स्टांडरडाइझ और हर देश की अपनी सरकार द्वारा नियमित और वितरीत किया जाता है ! तो उस 'फ्रीक्वंसी के पटल' यानि के बेन्ड को कहते है - स्पेक्ट्रम - !
Φ और मोबाइल की सर्व प्रथम तकनीक जिसे फर्स्ट जनरेशन कहा जाता था उसे 1जी कहते थे जिसमे GSM [ Global Standard for Mobile communication ] कहा जाता था ! जिसमे सिर्फ कॉल और एसएमएस ही भेजे जा शकते थे ! इन्टरनेट सुविधा बहुत ही कम स्पीड पे चलती थी - 16 से 48 Kbps ! वह एक अलग Frequency पे कार्यरत थी !
तो हो गया ! आपका स्पेक्ट्रम और 2जी - तो बन गया 2जी स्पेक्ट्रम !
Φ पूरे देश मे हर प्रकार की Frequency [कम अंतर संपर्क छोड़ कर -वोकीटोकी] सरकार के आधीन होती है ! और अपना रेडियो स्टेशन से लेके आप मोबाइल कंपनी के लिए सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवा के अपनी मन चाहिए Frequency बेन्ड ले शकते है !
Φ तो ए राजा तकनीक मे भी राजा थे , तो मंद मोहन को पता भी नहीं चला और इतना बड़ा घोटाला किया ! बाजार भाव से कम कीमत पर जैसे हर चीज के लाइसन्स और निविदा दी जाती है , इसी तरह इसके लाइसन्स भी मनमानी फर्जी कंपनिया बनाकर पहले तो उनको लाइसन्स दे दिये ! [ इसमे से 4 कंपनियो के दफ़तर मलेशिया की एक ही बिलडिंग और एक ही माले के एड्रेस वाले थे - सबूत सुबरमणियम जी की साइट पे है ]
Φ फिर उनही कंपनीयों ने उन सब Frequency के लाइसन्स और अधिकार अन्य जो वास्तव मे टेलीकोंम कंपनिया है उन कंपनियो को दे कर कई गुना रकम कमाई ! सुब्रमण्यम जी का यह कहना बिलकुल सच है की - चिंदंबरम के बेटे की भी कंपनी थी - जो रातो रात बना दी गई और उसको 2जी का लाइसन्स मीला और विदेशी कंपनी को बेच दीया उसके दस्तावेज़ आज भी सुब्रमण्यम जी की साइट पे देखे जा शकते है !
Φ इस घोटाले का सबसे बड़ा नुकशान उठा रहे है मूज जैसे आईटी से संबन्धित लोग और कंपनिया जिनहे आज पैसे दे कर भी हाई स्पीड इन्टरनेट नहीं मील रहा ! 2जी घोटाले के बाहर आने के बाद 3जी इन्टरनेट के दाम भी 3 गुना बढ़ गए ! क्यूँ की सुप्रीम ने जिन कंपनियो को दंड किया था उसके पैसे आखिर जनता से ही तो वसूल करने थे टेलिकॉम कंपनियो को ! आज दुनिया 4जी से आगे निकल चुकी है और हमारा देश अभी भी 10 साल पुरानी तकनीक और माध्यम के लिए उतने ही पैसे चुका रहा है जीतने खर्च मे वो आधुनिकतम तकनीक उपयोग मे ले शकते है ! अगर आज पूरे देश मे तकनीक और आईटी का अगर कोई सबसे ज्यादा ज्ञान और उसको विकास के हथियार बनाकर भारत को ऊपर लाने की क्षमता एक तो मोदी सर के पास है और दूसरी सुब्रमण्यम स्वामी जी के पास !
Φ पता नहीं भारत कब गंवारपन छोड़े और कूए के बहार की दुनिया भी देखे ! आज दुनिया हर सेकंड बदल रही है ! ज्ञान ही सर्वोपरि है ! गुजरात मे आईटी और ई-गवर्नन्स से ही मोदी जी ने अपना सारा कामकाज पारदर्शी करने का सपना देखा है ! अब तक 60% काम हो चुका है , क्यूँ की टेबल के नीचे की कमाई कोम्प्यूटर के आंकड़ो की वजह से बंद होती जा रही देखकर - गुजरात की पंचायत से ले कर पूलिस तक के कर्मचारियो ने क्या-क्या भाने निकाले थे वो मे अच्छी तरह जानता हूँ ! लेकिन मोदी सर ने एक भी बहाना नहीं चलाने दिया और
Φ आज गुजरात मे कई किसान और आम इंसान अपनी जमीन और जिंदगी से जुड़े सारे दस्तावेज़ कभी भी कहीं भी ....एक भी पैसा दिये बगैर या सलाम मारे बगैर घर बैठे पा शकते है ! यह प्रोजेक्ट अब भी पूर्ण विकसित नहीं है !
▐ 2जी मामले मे - मन्मोहन ने सलाह ना मानी और हुआ 35000 करोड़ का नुकशान ! आज जेपीसी के 2जी घोटाले पर बैठक मे उपस्थित रहे चन्द्रशेखर ने कीया खुलासा ! उनके कहे अनुसार मनमोहन को 2008 के मुताबित 2जी - स्पेक्ट्रम की नीलामी करनी चाहिए थी ! वो नहीं हुई इस लिए 35000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा - देश के खजाने को ! ▐╘ Read & Learn – Knowledge क्या है ये 2जी ? Spectrum? GSM? GPRS? 3G?╘
दोस्तो ! आज पूरा देश 2जी-...3जी-4जी- और जीजाजी को हर रोज सुनता पधता आया है ! वैसे भी मे एक स्केमोपेडीया [ घोटालो का सामान्य ज्ञान कोश ] बनाने की सोच ही रहा हूँ ! अब कॉंग्रेस ने किए ही ऐसे हाई टेक कांड की आम आदमी तो सिर्फ शब्द जानता है और कुछ नहीं ...! तो जानिए आज समय है और सबसे बड़ी बात मूड है तो जरा --▐ -विस्तार से पढ़िये क्या है ये 2जी घोटाला ?
Φ
हमारे सारे वायरलेस संपर्क के साधन - जैसे की मोबाइल फोन - पूलिस/ मिलिटरी
वायरलेस/ एएम और एफ़एम रेडीयो वो सब ध्वनि की तरंगो पे चलते है जिसको Hz
हर्त्झ मे नापा जाता है ! जिसे फ्रीक्वंसी [आंदोलन] कहा जाता है !
Φ लो फ़्रिक्वंसी - मिडडियम फ़्रिक्वंसी - हाई Frequency जैसे 3 मुख्य विभागो मे उसे विभाजित किया जाता है जो एक वैश्विक मानक है ! इसके लिए पूरी दुनिया मे हर वायरलेस तकनीक के साधन की बनावट और कार्य के एक निश्चित स्टांडर्ड यानि के मानक होते है !
Band name | Abbreviation | ITU band | Frequency and wavelength in air |
Example uses |
---|---|---|---|---|
Tremendously low frequency | TLF | < 3 Hz > 100,000 km |
Natural and man-made electromagnetic noise | |
Extremely low frequency | ELF | 3–30 Hz 100,000 km – 10,000 km |
Communication with submarines | |
Super low frequency | SLF | 30–300 Hz 10,000 km – 1000 km |
Communication with submarines | |
Ultra low frequency | ULF | 300–3000 Hz 1000 km – 100 km |
Submarine communication, Communication within mines | |
Very low frequency | VLF | 4 | 3–30 kHz 100 km – 10 km |
Navigation, time signals, submarine communication, wireless heart rate monitors, geophysics |
Low frequency | LF | 5 | 30–300 kHz 10 km – 1 km |
Navigation, time signals, AM longwave broadcasting (Europe and parts of Asia), RFID, amateur radio |
Medium frequency | MF | 6 | 300–3000 kHz 1 km – 100 m |
AM (medium-wave) broadcasts, amateur radio, avalanche beacons |
High frequency | HF | 7 | 3–30 MHz 100 m – 10 m |
Shortwave broadcasts, citizens' band radio, amateur radio and over-the-horizon aviation communications, RFID, Over-the-horizon radar, Automatic link establishment (ALE) / Near Vertical Incidence Skywave (NVIS) radio communications, Marine and mobile radio telephony |
Very high frequency | VHF | 8 | 30–300 MHz 10 m – 1 m |
FM, television broadcasts and line-of-sight ground-to-aircraft and aircraft-to-aircraft communications. Land Mobile and Maritime Mobile communications, amateur radio, weather radio |
Ultra high frequency | UHF | 9 | 300–3000 MHz 1 m – 100 mm |
Television broadcasts, microwave ovens, microwave devices/communications, radio astronomy, mobile phones, wireless LAN, Bluetooth, ZigBee, GPS and two-way radios such as Land Mobile, FRS and GMRS radios, amateur radio |
Super high frequency | SHF | 10 | 3–30 GHz 100 mm – 10 mm |
Radio astronomy, microwave devices/communications, wireless LAN, most modern radars, communications satellites, satellite television broadcasting, DBS, amateur radio |
Extremely high frequency | EHF | 11 | 30–300 GHz 10 mm – 1 mm |
Radio astronomy, high-frequency microwave radio relay, microwave remote sensing, amateur radio, directed-energy weapon, millimeter wave scanner |
Terahertz or Tremendously high frequency | THz or THF | 12 | 300–3,000 GHz 1 mm – 100 μm |
Terahertz imaging – a potential replacement for X-rays in some medical applications, ultrafast molecular dynamics, condensed-matter physics, terahertz time-domain spectroscopy, terahertz computing/communications, sub-mm remote sensing, amateur radio |
Φ इसके लिए 'फ्रीक्वंसी को नापे जाने वाला अलग अलग विभाग, और कार्य के लिए स्टांडरडाइझ और हर देश की अपनी सरकार द्वारा नियमित और वितरीत किया जाता है ! तो उस 'फ्रीक्वंसी के पटल' यानि के बेन्ड को कहते है - स्पेक्ट्रम - !
ITU = International Telecommunication Union
Band Number | Symbols | Frequency Range | Wavelength Range† |
---|---|---|---|
4 | VLF | 3 to 30 kHz | 10 to 100 km |
5 | LF | 30 to 300 kHz | 1 to 10 km |
6 | MF | 300 to 3000 kHz | 100 to 1000 m |
7 | HF | 3 to 30 MHz | 10 to 100 m |
8 | VHF | 30 to 300 MHz | 1 to 10 m |
9 | UHF | 300 to 3000 MHz | 10 to 100 cm |
10 | SHF | 3 to 30 GHz | 1 to 10 cm |
11 | EHF | 30 to 300 GHz | 1 to 10 mm |
12 | THF | 300 to 3000 GHz | 0.1 to 1 mm |
Φ और मोबाइल की सर्व प्रथम तकनीक जिसे फर्स्ट जनरेशन कहा जाता था उसे 1जी कहते थे जिसमे GSM [ Global Standard for Mobile communication ] कहा जाता था ! जिसमे सिर्फ कॉल और एसएमएस ही भेजे जा शकते थे ! इन्टरनेट सुविधा बहुत ही कम स्पीड पे चलती थी - 16 से 48 Kbps ! वह एक अलग Frequency पे कार्यरत थी !
Φ
उसके बाद नई जनरेशन आई जो 2जी या ने की सेकंड जनरेशन नाम से जाना गया ! जो
GPRS [General Packet Radio Service] को सपोर्ट करता था ! और अलग
फ्रीकवनसि पे काम करता था ! क्यूंकी एक ही फ्रीकवनसि पे अलग - अलग साधन काम
करे और उसकी पहुँच एक दूसरे को क्रॉस करती हो तो खलल पैदा होता है ! GPRS
की स्पीड 96 से ले के 160 Kbps तक की होती है ! जिसमे आप कॉल और एसएमएस मे
सीमित ना रहकर इन्टरनेट और एमएमएस आदि सेवाओ का उपयोग कर शकते है !
Φ अभी 2.5जी जिसे भी 2जी ही गीना जाता है ऐसा EDGE [ Enhance Datarate for GSM Enabled device ] Network भी कार्यरत है - जो 2.5 जी सपोर्ट से आपको 176 से लेके 320 Kbps तक की स्पीड देता है !
Φ अभी 2.5जी जिसे भी 2जी ही गीना जाता है ऐसा EDGE [ Enhance Datarate for GSM Enabled device ] Network भी कार्यरत है - जो 2.5 जी सपोर्ट से आपको 176 से लेके 320 Kbps तक की स्पीड देता है !
तो हो गया ! आपका स्पेक्ट्रम और 2जी - तो बन गया 2जी स्पेक्ट्रम !
Φ पूरे देश मे हर प्रकार की Frequency [कम अंतर संपर्क छोड़ कर -वोकीटोकी] सरकार के आधीन होती है ! और अपना रेडियो स्टेशन से लेके आप मोबाइल कंपनी के लिए सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवा के अपनी मन चाहिए Frequency बेन्ड ले शकते है !
Φ तो ए राजा तकनीक मे भी राजा थे , तो मंद मोहन को पता भी नहीं चला और इतना बड़ा घोटाला किया ! बाजार भाव से कम कीमत पर जैसे हर चीज के लाइसन्स और निविदा दी जाती है , इसी तरह इसके लाइसन्स भी मनमानी फर्जी कंपनिया बनाकर पहले तो उनको लाइसन्स दे दिये ! [ इसमे से 4 कंपनियो के दफ़तर मलेशिया की एक ही बिलडिंग और एक ही माले के एड्रेस वाले थे - सबूत सुबरमणियम जी की साइट पे है ]
Φ फिर उनही कंपनीयों ने उन सब Frequency के लाइसन्स और अधिकार अन्य जो वास्तव मे टेलीकोंम कंपनिया है उन कंपनियो को दे कर कई गुना रकम कमाई ! सुब्रमण्यम जी का यह कहना बिलकुल सच है की - चिंदंबरम के बेटे की भी कंपनी थी - जो रातो रात बना दी गई और उसको 2जी का लाइसन्स मीला और विदेशी कंपनी को बेच दीया उसके दस्तावेज़ आज भी सुब्रमण्यम जी की साइट पे देखे जा शकते है !
Φ इस घोटाले का सबसे बड़ा नुकशान उठा रहे है मूज जैसे आईटी से संबन्धित लोग और कंपनिया जिनहे आज पैसे दे कर भी हाई स्पीड इन्टरनेट नहीं मील रहा ! 2जी घोटाले के बाहर आने के बाद 3जी इन्टरनेट के दाम भी 3 गुना बढ़ गए ! क्यूँ की सुप्रीम ने जिन कंपनियो को दंड किया था उसके पैसे आखिर जनता से ही तो वसूल करने थे टेलिकॉम कंपनियो को ! आज दुनिया 4जी से आगे निकल चुकी है और हमारा देश अभी भी 10 साल पुरानी तकनीक और माध्यम के लिए उतने ही पैसे चुका रहा है जीतने खर्च मे वो आधुनिकतम तकनीक उपयोग मे ले शकते है ! अगर आज पूरे देश मे तकनीक और आईटी का अगर कोई सबसे ज्यादा ज्ञान और उसको विकास के हथियार बनाकर भारत को ऊपर लाने की क्षमता एक तो मोदी सर के पास है और दूसरी सुब्रमण्यम स्वामी जी के पास !
Φ पता नहीं भारत कब गंवारपन छोड़े और कूए के बहार की दुनिया भी देखे ! आज दुनिया हर सेकंड बदल रही है ! ज्ञान ही सर्वोपरि है ! गुजरात मे आईटी और ई-गवर्नन्स से ही मोदी जी ने अपना सारा कामकाज पारदर्शी करने का सपना देखा है ! अब तक 60% काम हो चुका है , क्यूँ की टेबल के नीचे की कमाई कोम्प्यूटर के आंकड़ो की वजह से बंद होती जा रही देखकर - गुजरात की पंचायत से ले कर पूलिस तक के कर्मचारियो ने क्या-क्या भाने निकाले थे वो मे अच्छी तरह जानता हूँ ! लेकिन मोदी सर ने एक भी बहाना नहीं चलाने दिया और
Φ आज गुजरात मे कई किसान और आम इंसान अपनी जमीन और जिंदगी से जुड़े सारे दस्तावेज़ कभी भी कहीं भी ....एक भी पैसा दिये बगैर या सलाम मारे बगैर घर बैठे पा शकते है ! यह प्रोजेक्ट अब भी पूर्ण विकसित नहीं है !
[ secured web hosting and server co-location for Government of Gujarat ]
▐ इस घोटाले का सबसे बड़ा नुकशान मेरे उस प्रोजेक्ट के सपने को हुआ की जिसमे हर कोई - माँ-बाप बेटा -दादा अपने घर पे, अपने वक्त पे, अपने मोबाइल और कंप्यूटर, को इन्टरनेट से जोड़ के गुजराती और हिन्दी भाषा मे तमाम आईटी की समाज, ज्ञान , उपयोग, जानकारी और रोजगारी के इन्टरनेशनल कोर्स - 20 प्रतिशत बाजार कीमत पर कर शकते है ! क्यूँ की अगर आज इन्टरनेट स्पीडी होता और 3जी अगर 2जी के भाव मे मिलता तो उन सबकी लाइव क्लास भी वो मोबाइल पे मेरे साथ कोन्फ़र्न्स कर के अटेण्ड कर शकते है ! और मेरे 12 साल से 3 बड़े नाम वाले आईटी इंस्टीट्यूट के अनुभव- विद्यार्थी हीतों की अवहेलना और नॉलेज के बदले सिर्फ कागजी सर्टिफिकेट देखे है..... उस आधार पर आसान शब्दो और उदाहरणो मे संमजाए गए सारे कोर्स माइक्रोसॉफ्ट और सिस्को जैसी कंपनियो के इन्टरनेशनल सर्टीफिकेट कोर्ष है ! जिसे पाने वाले के लिए दुनिया के हर देश के रास्ते खुल जाते है !
▐ पढ़िये गुजराती मे शॉर्ट एंड स्वीट - सीधा समजने मे हिट - [ कोम्प्यूटर का एडवांस बेजीक - जो शर्त है कोर्ष करने वाले भी नहीं जानते होंगे इतनी सारी जानकारी - क्लीक करे -https://docs.google.com/ open?id=0B3gQBJdOKri1dzZWeFdwcF JVSWs
▐ जो कोई मेरे प्रोजेक्ट के बारे मे जानना चाहता है ! और इन्वेस्ट कर के या जुड़ कर कमाई के साथ सेवा करना चाहता है गुजरात और देश की .....तो जाने क्या है ये ईगुरु का प्रोजेक्ट - हिन्दी मे - क्लिक करे - https://docs.google.com/ open?id=0B3gQBJdOKri1MnZKeVMzOV Awb3M
एक आखरी आशा मोदी जी के गुजरात का नागरिक - जुगल पटेल [ईगुरु]║█║▌
© Official Jugal Eguru™ ║││█ ADD FRIEND - GET BEST: http://Jugal24x7.Blogspot.in/| http://jugal24x7.blogspot.in/
[विस्फोट सत्य और सबूतो का ]
Φ For IT & Technology Help & Guides - Get Knowledge Here http://eguru24x7.blogspot.in/
Φ For GAZALS - Kavita -BEST ONLY -Hindi - Gujarati Collection Click here http://rebel4love.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment