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Tuesday, October 16, 2012

(45) ȨJugal Ȩguru

आज दील दुखा है....
तुम याद आये
अंजाने लोग है......
अपने कहाँ ढूँढ पाये...
जागे है, सोये नहीं,
दीलमे है तेरी बैचेनी...
...

दिनभी वही,राते वही,
साँसोमे साँसे अब है नही.......!
अब अगर तुम मिले तो
ईतना यकीन है.....
हँस दैँगे हम तो......
रोना नहीं है.....!
- Jugal Eguru

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