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Sunday, April 15, 2012

" हवा के सूट की राजनीती और व्यवस्था " हमारे देश का दुर्भाग्य |

" हवा के सूट की राजनीती और व्यवस्था " हमारे देश का दुर्भाग्य |
एक बहुत क्रूर और जालिम राजा था | वह इतना घमंडी था की अपने खिलाफ बोलने वाले, या उसकी बात न सुनने वालो को मौत की सजा देता था |
एकदिन उसने अपने कपड़े सिलवाने के लिए अपने दर्जी को बुलाया और कहा,
"मुझे ऐसे कपड़े बना के दो की वैसा पोशाक किसी के भी पास ना हो, और अगर तुम्हारे बनाए कपड़े किसी और से मिलते जुलते निकले तो भी मे तुम्हें मौत की सजा दूंगा "
दर्जी बेचारा डर गया, उसे तो साक्षात अपनी मौत दिखाई देने लगी | लेकिन वह भी शाही दर्जी था, साथ मे चतुर भी, उसने एक उपाय खोजा और चैन की नींद सो गया |
सुबह उसने राजा के पास जा कर राजा को 'हवा का सूट ' बनाकर दीया | और आजा को कहा की
"  दुनिया मे किसिके पास भी ऐसा हवा का बना सूट नहीं होगा "
और उसने बाकायदा राजा को नहाने के बाद वही हवा का सूट पहनाया , और कहने लगा
"राजा जी आप पे ये सूट बहुत जच रहा है "
राजा अपने घमंड और जूठी खुशामत से इतना अंधा हो गया था, की वह दर्जी की खुशामती भरी बातो को सच मानने लगा |
असल मे हवा का सूट होने के कारण वह नंगे बदन होते हुए भी, वैसे ही अपने  दरबार मे चला गया, दरबारीयों मे से भी किसीकी हिम्मत नही हुई की वो राजा को सच बताये | उससे उल्टा वह सब  भी राजा के हवा के सूट की तारीफ करने लगे |
राजा भी हवा के सूट को पहने नंगे बदन नगर मे सबको दुनिया का सबसे नायाब हवा का सूट दीखाने नीकल पड़ा | नगरजनों ने भी कुछ लोगने डर से तो कुछ ने झंझट मोड़ने से बचने के लिए उसी हवा के सूट की तारीफ करने लगे | और राजा नंगे बदन पूरे नगर मे घूमता रहा |
तब नगर के रास्ते पर एक नन्हा बच्चा अचानक सामने आ गया और बेखौफ राज को नंगे बदन देखके हंसने लगा | और राजा को कहा
" आप बिना कपड़े के है, आपके तन पे एक भी कपड़ा नही है | "
तो राजा गुस्सा हो गया, और कहने लगा
"क्या मे मूर्ख हू ? मेरे दरबारी मूर्ख है ? यह सारा नगर अंधा है ? जिसने मूजकों नंगा नहीं देखा और तुमने देख लिया "
और उसने बच्चे की बात पर यकीन नही किया, और बच्चे के सच को अपना अपमान समज कर जेल मे ड़ाल दीया |
आज भी हमारे देश मे ऐसे कई हवा के सूट पहने हुये राजा है, जो अपनी सत्ता और पद की ताकत के नशे मे खुद के अंदर की सच्चाई को मानना नहीं चाहते , और जो सच बोलता है उसको यय तो जेल मे डाला जाता है , सताया जाता है या फिर मार डाला जाता है |
हमारे देश और समाज मे भी ऐसे मतलब के अंधे नगरजनो से ही भरा हुआ है | सच देखते है, जानते है , सुनते है , पढ़ते है और समजते भी है | फिर भी या तो मिथ्याभीमान और अधूरे ज्ञान , या तो फ़ीर कायरो की तरह तमाशा देखते रहते है, और खुद को बचाते रहते अपनी नपुंसकता का सबूत देते है | और वह भी दंभ और पाखंडी बनकर खुदकों एक सज्जन नागरीक साबित करनेकी कोशीश करते है |
आज तक कितने ही सच के समर्थक, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले, कई देशभक्त पत्रकार , ईमानदार पुलीस अफसर हमारे देश की इस सडी हुई राजनीती और भ्रष्ट व्यवस्था के शिकार बने है | और अपनी जान तक गंवाई है | तो आजादी की लड़ाई के दौरान अपनी जान गँवाने वाले सारे शहीदो मे मुजे लगता है उनका भी नाम गीना चाहिए, आखिर वह भी तो देश को आजाद ही कराना चाहते थे "भ्रष्टाचार " से |
आपका और देश का
- जुगल पटेल

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