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Tuesday, July 10, 2012

ईमानदार होने के इतना मूल्य

स्वाभाविक होना बेहतर है अपने क्रोध पर नियंत्रण करने से।

प्रश्नकर्ता: ऐसे तो मैं अपने मित्र खो दूंगा... और ईमानदार होने के इतना मूल्य चुकाना बहुत ज़्यादा होगा।

ऐसा नहीं है, क्योंकि यदि आप स्वाभाविक हैं तो संभव है तत्काल आपको लगे कि मूल्य अधिक है; लेकिन ऐसा कभी होता नहीं! अंतत: स्वाभाविक होना सदा हितकर होता है। दमन आपको यह धोखा दे सकता है सब कुछ नियंत्रण में है और सब ठीक चल रहा है;लेकिन अंत में आपको भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा। तब बहुत देर हो चुकी होती है और आप कुछ नहीं कर पाते। सब के साथ यही हुआ है। हर मां ने हर बच्चे के साथ यही किया है।

आप सोचते हैं कि नियंत्रण करना आसान काम रहा है? सब मनोचिकित्सक उस सब की सफाई करने में लगे हैं जो मां ने कर दिया है। मनोचिकित्सा का पूरा व्यवसाय मां के किये को अनकिया करना है, और कुछ भी नहीं, उनका पूरा व्यवसाय ही यह है।

यदि माताएं मुझे सुन लें तो मनसविद समाप्त हो जाएंगे, वे भूखे मरेंगे। पागलखानों में बंद सब पागल उन मांओं के कारण हैं जो बहुत नियंत्रण करती रही हैं।

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