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Monday, September 3, 2012

मोदीजी अपने आपको कैसे शांत रखते है जब मीडिया आपको इतना बदनाम करता है

 

आप अपने आपको कैसे शांत रखते है जब मीडिया आपको इतना बदनाम करता है, बहोत गंदी जबान मे आपके बारे मे कहते है ? बार बार सालो से आपको बदनाम करने मे मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी। क्या आप कभी Frustrate नहीं होते ?
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मोदीजी ने कहा : सिर्फ मीडिया ही गलिया देती है ऐसा नहीं है और सारे मीडिया वाले भी गालिया देते है ऐसा भी नहीं है। यह बात सही है की कुछ लोग हद पार कर करके बहोत कुछ कह जाते है। एक छोटा सा wasted interest group है वह भी यह सब करता है। कभी कभी मुजे ऐसा लगता है की शायद अगर मे नहीं होता तो इनकी रोजी रोटी का क्या होता? कभी कभी मुजे ऐसा लगता है की मे उसके काम आ रहा हु। दूसरी बात है की मे मन से स्वश्थ इसलिए हु की मैंने क्या किया वो मुजे मालूम है, मे क्या कर रहा हु वो मुजे मालूम है, मे क्यू कर रहा हु वो मुजे मालूम है। निजी स्वार्थ से कुछ नहीं कर रहा हु। कुछ लेना ,पाना या बनने की ख़्वाहिश से मे यह सब कुछ नहीं कर रहा हु। माँ भारती की सेवा करने का सपना बचपन से ठान लिया है इसलिए कर रहा हु। और मे यह भी जानता हु की जब मे कुछ करता हु तो रोड़े डालने वाले होंगे , रुकावट डालने वाले भी होंगे, कठिनाइया भी आएगी यह सब होने के बावजूद भी यह क्यू न करे। मैंने एक कविताओ की किताब लिखी है जिसमे मैंने एक कविता लिखी है की '' लोग मुजे पत्थर मारते है मे उसी पत्थर से सीडी बना देता हु। लोगो के फेके हुये पत्थर की सीडी से मे उपर उभरता जा रहा हु इसलिए जो मुजपर आरोप लगते है उससे भीतर पीड़ा जरूर होती है लेकिन मे कभी भी उसे व्यक्त होने नहीं देता। कभी मे किसी का बुरा नहीं चाहता जबतक आलोचना का सवाल है मे इसे appreciate करता हु। अगर लोकतन्त्र मे आलोचना नहीं होती है लोकतन्त्र मे विकास की संभावना ही नहीं है इसलिए Criticism is most wel come। सचमुच मे अपने देश का दुर्भाग्य है की अपने देश मे criticism नहीं हो रहा है। मे तो चाहता हु की मोदी की आलोचना भरपूर हो ताकि मोदी की कमिया क्या है,गलतिया क्या है गड़बड़ कहा हो रही है यह मोदी को भी पता चले लेकिन दुर्भाग्य यह है की हमारे यहा आलोचना नहीं हो रही है सिर्फ बेबुनियाद आरोप लग रहे है। हर चीज़ पर एक हेतु के साथmotivational group के साथ कुछ न कुछ आरोप लगा दिये जाते है।
आलोचना करने के लिए कडा रिसर्च करना पड़ता है भूतकाल की बाते वर्तमान काल की बाते, तथ्य खंगाल ने पड़ते है जगह जगह जाना पड़ता है लोगो से मिलना पड़ता है लेकिन आज किसी के पास ज्यादा समय नहीं है इसलिए पत्थर मारो गोले फेंको और दुनिया चलाते रहो। मे हर एक सभी से प्रार्थना करता हु Criticism is always wel come और मे तो मानता हु मुजकों बनाने मे criticism का बहोत बड़ा रोल है लेकिन मेरी परेशानियों का कारण बेबुनियाद आरोप भी है। हो सकता है जैसे जैसे लोग मुजे ज्यादा जानने लगेंगे वैसे वैसे यह बेबुनियाद आरोप लगाने वाली ताकते नष्ट हो जाएगी लेकिन चाहे बेबुनियाद आरोप लगाने वाले लोग हो या आलोचक हो मे ईश्वर से यही प्रार्थना करता हु की मेरे मन मे कभी भी किसी के प्रति कोई कटुता पैदा ना हो मेरी वाणी से वर्तन से मेरी body language से किसी को ठेस न पहोचे ऐसी ईश्वर मुजे ताकत दे अगर मुजे इतना मिल गया तो बहोत अच्छा होगा।
मुजे आनंद हुआ की आपने इस बात को नोटिस किया की इतनी आलोचना और बेबुनियाद आरोप लगाने के बावजूद मे शांत चित्त से अपना काम कर रहा हु। शांत मन से इसलिए काम कर रहा हु की मुजे दिन-रात मेरे 6 करोड़ गुजराती, मेरा गुजरात, जनता ने मुजे जो दायित्व दिया है वही दिखता है और कुछ नहीं दिखता है। माँ को कितना भी दर्द क्यू न हो अगर बच्चा रोता है तो माँ अपना सारा दर्द भूलकर बच्चे की फिकर मे लग जाती है। गुजरात ने मुजे जो दायित्व दिया है चाहे कितनी भी पीड़ा क्यू ना हो , मुजे कितने ही घाव क्यू न लगे हो, मुजपे कितने भी हमले तेज़ क्यू ना हो मेरा यही दायित्व बनता है की इसे मुजे कभी भी जनता की और हस्तांतरण नहीं करना चाहिए उसे मुजे जेलना चाहिए जेलने और की ताकत बढ़ानी चाहिए,शांत मन से निश्चित दिशा मे पूरी लगन से साथ जनता की सेवा करनी चाहिए उसमे मुजे विचलित नहीं होना चाहिए और परमात्मा की कृपा रही है अब तक मे अपने आपको संभाल पाया हु। आप मेरी मदद करे, मुजे आशीर्वाद दे जनता जनार्दन मुजे आशीर्वाद दे ताकि मेरे से कभी कोई गलती न हो पाये

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