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Friday, November 2, 2012

नरेंद्रभाई आज जीस स्थान पर खडे हैं उन के पिछे वो पतिपत्नि का त्याग बहुत बडी भुमिका निभा चुका है ।

हम सब का भरोषा और विश्वास सच साबित हुआ - और मेरी बात का समर्थन सबूतो के साथ मीला - ▐ साभार: श्री भरोडिया(नरेंद्र भाई के बचपन के मित्र) !
नरेंद्रभाई आज जीस स्थान पर खडे हैं उन के पिछे वो पतिपत्नि का त्याग बहुत बडी भुमिका निभा चुका है । उन के निजी जीवन में हमारा कोइ अधिकार नही बनता दखल देने का । मिडिया में ये बात को गलत अंदाज में उछाला गया तो ये लिखना पडा ।
! ▐ जानिए मोदी जी की अनदेखि अन सुनी कहानी बचपन से आज तक की !!! - जुगल ईगुरु !

  • मेरा २४ घंटा सिर्फ देश के लिये ही है । ५ मिनिट भी मै किसी सगे को नही दे सकता । - Narendra Modi

  • उन्होंने मुझे देखा है की नही मालुम नही । अपने भाई को भी घुसने नही देते तो मै क्यों जाउ ।?? - Cousin of Narendra Modi
  • अपने घर संसार की बली, भाभी जी के अरमानों की बली, अपने ही संबंधियो से बेरुखी । ये सब नरेंद्र मोदीने किया है । उनका केरेक्टर ढिला है या मजबूत तय जनता करगी, कोंग्रेस या दिग्गी राजा नही ।
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ये बच्चा मुश्किल से १५-१६ सालका रहा होगा तब भारत-पाक की लडाई छीड गई । प्रधानमंत्री लाल बाहादुर शास्त्रीने मोरचा संभाला । देश का हौसला बढाने के लिए नारा दिया  ” जय जवान, जय किसान ” ईस नारे पर देश भर के सेवाभावी लोग, सेवाभावी संस्थाएं, खडे हो गये । आर.एस.एस भी उनमें से एक संस्था थी । लडाई के समय गुजरात के हर रोड पर, हर स्टेशन पर युवा लडके तैनात हो गये थे जरूरी साधन सामग्री ले कर । अगर सैनिकों का जथ्था, उन की गाडियां गुजरती है तो उन्हें जो मदद चाहिए मिल सके ।  ये बच्चा भी उन युवाओं के साथ स्टेशन के प्लेटफोर्म पर भागता फिरता था ।
 वो जमाना आज के मुकाबले अलग था । उस जमाने में माबाप के आगे बच्चों का कुछ नही चलता था । अगर बच्चा विद्रोह भी करता तो माबाप तो बाजुमें रहते सारे गांव के चाचे ताउ कान खिंचने लग जाते । बच्चे सब की ईज्जत करते थे तो मजबूर हो जाते थे, बडों की बात मानने के लिए । इसी आधार पर मा बापने जशोदाभाभी से उनका ब्याह करवा दिया,१९६८ में । लेकिन देश सेवा की ईतनी लगन लगी थी की ईसने जशोदाभाभी का स्विकार (गौना नही करवाया , असली शादी गौना होता था, इससे पहले लडके लडकी एक दुसरे का मुह भी नही देखते ) नही किया, चल पडे घर छोड कर । पिता भारत और मां भारती की सेवा के लिए अपने खूद के माबाप की भावना को ठेस पहुंचाया । ये किशोरावस्था थी, जहां आदमी दोराहे पे खडा होता है । उसने बडी राह, देशसेवा की राह पकडली ।
दौरान पोलिटिकल सायन्स की डिग्री हासिल कर ली । आर.एस.एस के प्रचारक भी बन गया । आज भारत के कितने नेता के पास पोलिटिकल सायन्स की सामान्य डिग्री भी है ?
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जब ईस बच्चे का नरेन्द्रभाई मोदी के नाम से जनता को परिचय हुआ तो एक गुजराती मेगेजीन (१९८४) में जशोदाभाभी का ईन्टर्व्यु छपा था । उसमें तस्विर थी, भाभी अपने पिताजी की किराने की दुकानमें हाथमें तराजु लिए बैठी थी, काफी खूश दिखती थी । बताती थी वो मुझे बुलायेंगे तब जाउंगी तबतक पिता की दुकानमें मदद करुंगी, मेरा भाई अशोक अभी छोटा है । लेकिन अब पता चला है भाभीने टिचरकी नौकरी कर ली थी, अब रिटायर्ड भी हो गई है और १०००० का पेन्शन भी मिलता है । एक सच्ची भारतिय नारी की तरह पति के बुलावे का ईन्तजार करती रही, पति के खिलाफ खभी नही बोली । मोदी के कारण ही उस के आसपास के लोग, अपनी स्कूल, पूरा रसोसणा गांव उस का मान सम्मान करता रहा हैं । लोगोने हर तरह की मदद की है, तकलिफ नही पडने दी है ।
२००७ में नरेन्द्रभाई के साले साबह अशोकभाईने कोशीश की दीदी और जीजा को मिलाने की लेकिन सफलता नही मिली । मोदी का कहना है के मेरा २४ घंटा सिर्फ देश के लिये ही है । ५ मिनिट भी मै किसी सगे को नही दे सकता । बात भी सही है । अपनी मां के अलावा उसे कोइ सगा मिल नही सकता, अपने सगे भाई भी नही । उन के सगे चचेरे भाई को मैंने कहा था तू अब नरेंद्रभाई के पास चला जा कहीं अच्छी जगह सेट कर देंगे मैं ईस मंदी मे कितना पगार दे देता हुं । उसने मुझे बताया छोडो सब । वो चले गए उस के बाद मेरा जनम हुआ है । मैंने भी उन्हें एक ही बार देखा है । उन्होंने मुझे देखा है की नही मालुम नही । अपने भाई को भी घुसने नही देते तो मै क्यों जाउ ।
उस की बात सही थी । मोदी गांव छोडकर गये तो किसी को पता नही था वो कहां है । कहा जाता है वो सिर्फ दो बार गांव आये हैं । एक बार पिता के अवसान के समय और दुसरी बार स्कूल की निव रखने के कार्यक्रम के लिए । उस समय भीड में उनकी छोटी बेहन भी उन्हें देखने आई थी, पास जानेकी हिम्मत नही कर पाई थी । मोदीने देख लिया या किसीने ध्यान दिलाया तो वो खूद उसके पास गये और हालचाल पूछ लिया ।
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जब मोदी पहलीबार मुख्यमंत्री बने तो उनका ही बचपन का दोस्त उन पर उबल पडा था । ” ये घांची अब तक लुक्खे की तरह भटकता था तो घर नही चला सकता था, अब नेता हो गया है, अब क्या कमी है, अब बहु को बुला लेना चाहिए ” । ये एक आम आदमी की आवाज थी । आम आदमी सोचता है की नेता बनते ही पैसे का पेड लग जाता है । बस अब उसे खा-पिकर राज करना है । आम नेता के लिए ये सही बात होगी मोदी के लिए नही ।
उन के तलाक के लिए भी सवाल उठे हैं । तलाक ईस लिए लिया जाता है की आदमी दूसरी शादी कर के जीवन में सेट हो सके । ईन की उमर थी तलाक ले के दूसरी शादी की तब शादी और तलाक का सारा मामला सामाजिक तरिके से होता था । तलाक में कभी कानून का दखल नही होता था । दोनों पक्ष के १०-१२ आदमी मिलकर तलाक दे देते थे । ये जिम्मेदारी माबाप की होती थी, तलाक लेनेवालों की नही । लेकिन समाज वकिल का बाप होता है राह देखता है बच्चों का मन बदलने का । उसे समजाने में टाईम पास कर देता है ।
लेकिन इस दौरान ये पतिपत्नी समाज से आगे बढ गए । भाभीने ठान लिया की मैं तलाक नही लुंगी । मरते दमतक नरेन्द्र ही मेरा पति रहेगा । और नरेन्द्रभाई भी मजबूर है । देश सेवा का ईतना बडा भार उठा लिया है की २४ घंटे में से ५ मिनट भी वो भाभी या अन्य सगे को नही दे सकते । भाभी भी ये समज चुकी है । देश के लिये आदमी मर जाता है तो ये तो सिर्फ पति का वियोग ही है ।
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अपने घर संसार की बली, भाभी जी के अरमानों की बली, अपने ही संबंधियो से बेरुखी । ये सब नरेंद्र मोदीने किया है । उनका केरेक्टर ढिला है या मजबूत तय जनता करगी, कोंग्रेस या दिग्गी राजा नही ।
नरेंद्रभाई आज जीस स्थान पर खडे हैं उन के पिछे वो पतिपत्नि का त्याग बहुत बडी भुमिका निभा चुका है । उन के निजी जीवन में हमारा कोइ अधिकार नही बनता दखल देने का ।  मिडिया में ये बात को गलत अंदाज में उछाला गया तो ये लिखना पडा ।

मेरी पोस्ट ये थी - जिसके जवाब मे मेरी बात और विषवास को समर्थन और ज्यादा सबूत मीले ! मे : श्री भरोडिया(नरेंद्र भाई के बचपन के मित्र) का दिल से धन्यवाद करता हूँ !
▐ क्यू है खामोश मोदी जी - यशोदाबेंन वाले आरोप पर ? ▐ Φ यशोदाबेन ने कहा था,‘मोदी मेरे पति और मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगी। मुझे खुशी है हम दोनों समाज सेवा कर रहे हैं।’ [Φ वो नेशनल लीडर हैं, बहुत सुंदर और पढ़-लिखे हैं, मैं तो उनके सामने कुछ भी नहीं।....]
▐ अगर ये बात सच है तो शर्म आनी चाहिए उन गंदे खून वालi - चरित्रहीनता जिनके डीएनए मे है और नहेरु के वंश से है ......! ऐसी देवी जैसी स्त्री का नाम सारे बाजार उछाल के अपने संस्कार और पैदाइश मे पूरे गाँव की सहकारी महनत योजना दर्शाती है ! ▐
मोदी और यशोदाबेन की शादी बचपन में हुई थी, लेकिन उनका ‘गौना’नहीं हुआ। उस जमाने में बाल विवाह की प्रथा थी और मोदी की भी इसी प्रथा के तहत शादी कर दी गई थी। इसके बाद उनका झुकाव संघ की ओर हो गया और उन्होंने अविवाहित रहने का फैसला किया। यशोदाबेन ने भी मोदी के फैसले का सम्मान किया, लेकिल उन्होंने भी शादी नहीं की।
यशोदाबेन स्कूल टीचर थीं और वो भी समाजसेवा में जुटी हैं। हाँ उनका और गाँव का इंटरव्यू मैंने भी देखा है ! यशोदाबेन के करीबी कहते हैं कि वो इस बात से खुश हैं कि मोदी और वो दोनों समाज की सेवा कर रहे हैं। इंटरनेट पर यशोदाबेन और उनके नाते रिश्तेदारों के बयान वाले कुछ वीडियो भी हैं, जिनमें यशोदाबेन के मोदी की पत्नी होने की बात कही गई है।
2009 में एक मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में यशोदाबेन नाम की महिला से बातचीत की थी और ये दावा किया था वो मोदी की पत्नी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यशोदाबेन गुजरात के राजोसाना गांव में रहती हैं और जिस समय ये रिपोर्ट आई थी तब वो उसी गांव के स्कूल में पढ़ाती थीं। मैगजीन के मुताबिक यशोदाबेन ने कहा, ‘हां मोदी से मेरी शादी हुई थी, लेकिन हम अलग रहते हैं। वो नेशनल लीडर हैं, बहुत सुंदर और पढ़-लिखे हैं, मैं तो उनके सामने कुछ भी नहीं। ’मैगजीन ने यशोदाबेन के हवाले से लिखा था कि मोदी और उनकी शादी वाडनगर गांव में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद वो पढ़ाई पूरी करने के लिए अपने घर वापस लौट आईं और फिर कभी वापस नहीं गईं।
▐ रिपोर्ट में राजोसाना गांव के लोगों के भी बयान दिए गए थे। उस गांव के सभी लोग यशोदाबेन को मोदी की पत्नी के तौर पर ही जानते हैं। वो कहते हैं कि यशोदाबेन अहमदाबाद कभी कभी जाती हैं, लेकिन मोदी ने उन्हें कभी बुलाया नहीं। वो मुस्लिमों के बच्चों को पढ़ाती हैं और उनकी सेवा करती हैं। इस मैगजीन से बातचीत में यशोदाबेन ने कहा था,‘मोदी मेरे पति और मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगी। मुझे खुशी है हम दोनों समाज सेवा कर रहे हैं।’
▐ Φ अगर ये बात सच है तो शर्म आनी चाहिए उन गंदे खून वालi - चरित्रहीनता जिनके डीएनए मे है और नहेरु के वंश से है ......! ऐसी देवी जैसी स्त्री का नाम सारे बाजार उछाल के अपने संस्कार और पैदाइश मे पूरे गाँव की सहाकरी योजना दर्शाती है ! एक तरफ तीन तीन बार शादी करनेवाला वो थरूर ..... और अपने 19 साल के बेटे को और 2 -2 पति को गरीब होने पर छोड देनेवाली सुनंदा, [ नयी सूचना और सबूतो के आधार पर उसके दूसरे पति को आत्म हत्या करनी पड़ी थी- क्यूँ की दुबई मे उसके द्वारा खर्च किए गए करोड़ो का बोज उसके दूसरे पति मैनन पर ला दिया था , इस लिए मेनन का कंस्ट्रक्षण बिजनेस बर्बाद हुआ और जैसा की मीने पहले कहा था की आर्थिक बदहाली की वजह से मेनन को दुबई से भारत वापिस आना पड़ा था , लेकिन उसके बाद भी उसने सुनन्दा को बहुत ही रिक्वेस्ट की थी लेकिन थरूर के साथ लगी हुई वो दुबई छोड कर नहीं आई , और उसके दूसरे पति मेनन ने आत्महत्या कर ली जिसको सुनन्दा और उसके फौजी पिता अकस्मात मौत बता रहे थे !]
Φ अपने जिस्म को सीढी बनाकर तीसरी शादी के लिए थरूर तक पहुंची ! और आगे की कोई गेरंटी नहीं है ! भारतीय संस्कृति पर कलंक जैसा ये ये सुनंदा - शशि का युगल और
▐ भारतीयता और हिन्दू संस्कृति को अपनी नस नस मे खून की तरह दौड़ रहा है ऐसा नरेंद्र मोदी और यशोदा बहन का युगल ! ▐ जिनहोने अपनी बचपन की शादी को ना निभाते हुए भी एक भारतीय नारी और एक संसार त्यागी पुरुष बनकर निभा रहे है ! और मोदी जी की देश सेवा के यज्ञ मे अपनी ख्वाहिशों का हवन करने वाली और , दूसरी शादी ना कर के भी पवित्रता से पतिव्रत निभानेवाली उस यशोदा बहन --- यशोदा माँ जैसी है ! उनको मे साष्टांग प्रणाम मोदी जी से भी पहले करूंगा ! ▐
▐ क्यूँ की पुरुष और प्रदेश दोनों के उत्थान और पतन के केंद्र मे नारी होती है ! आज अगर उनको कोई भी शिकायत होती ......... तो मोदी जी की नकली सेक्स सीडी बनाने के लिए साउथ की अभिनेत्री ओ को और तहलका को हाई टेक फर्जी वीडियो बनवाने का कोंटरेक्ट देने वाली ये कॉंग्रेस इस मुद्दे को छोड़ती क्या ? ▐ चलो वो तो छोड भी दे क्यूँ की उनके खुद के ही हर गली हर नुक्कड़ पर नारी शोषण के कांड होते रहते है , ▐ लेकिन मीडिया .... मोदी जी को छिंक भी आए तो देश भर मे सनसनी की तरह पेश करने वाली मीडिया ..... जो कॉंग्रेस के फेंके टुकड़ो पर पलनेवाली,▬ और हर दुखद कांड या घटना मे देश वासियो की लाशों की बोटियों को आपस मे बाँट कर अपनी रोटी का निवाला बनाने वाली,▬ ये मीडिया क्या इस मुद्दे को छोड़ती क्या !
▐ मोदी के नाम के 2 अक्षर जिनकी टीआरपी और अखबार मेगेजीन की बिक्री कई गुना कर देती है तो ये मुद्दा तो उनके लिए बहुत बड़ा चांस था ! और ये बात सच इस लिए मानने योग्य है क्यूँ की यशोदा बहन ने जब खुद ही कहा की वह खुश है और उनको मोदी जी से कोई शिकायत बाजू पर रही ऊपर से गर्व है ....तो जमीन ही ताकनी पड़ी होगी शर्म से उन बेशर्मो को !
▐ तो ऐसी बात हमे क्यूँ बताए ! ? क्यूँ की इसको रहस्य ही रहने दे कर अपने न्यूझ के हेडलाइन के टाइटल बनाने का मौका भी चला जाता जो आज उनको मीला है !
▐ अगर आप ऐसे हालत मे हो तो आप अपने पारिवारिक जीवन के बारे मे क्या सार्वजनिक करेंगे? अगर खुद को शादी शुदा बताए - तो उन्होने एक भी दिन क्या सांसरिक जीवन का बिताया है ? और उन्होने खुद कभी बाल ब्रह्मचारी नहीं कहा और इस बात पे मौन है ....क्यूँ की वे भी मन ही मन यशोदा बहन के निस्वार्थ त्याग के रूण के नीचे है ...... और सिर्फ वे हि क्यूँ पूरा गुजरात उनका ऋणी है , और कल पूरा देश होगा ...जिसने इक योगी पुरुष का रास्ता न भटका कर खुद को भी उनही की तरह अलग राह पर जन सेवा मे समर्पित कर दिया !▐
▬ आप मूजे चाहे चमचा कह लो मोदी जी का , चाहे नाजायज औलाद {जो मूज जैसे अकेले अनाथ के लिए गर्व की बात होती }, पर अंध भक्त बिलकुल नहीं हूँ ! एक वक्त मे खुद कॉंग्रेस के करीब शक्ति सिंह गोहेल वर्ष 1996- 1999 भावनगर रह चुका हूँ - कॉलेज के दिनो मे मेरे बिन नेता पद के भी नेतृत्व को केश करवाते थे ..और रेलियों मे भीड़ जुटाते थे.... क्यूँ की लड़किया सिर्फ मूज पे भरोसा करती थी .....! एक को छोड़ कर सभी को बहन ही बान लिया था ...इस लिए !! . हनुमंत सिंह चूड़ासमा नाम क एक भावनगरी कोंग्रेसी और बदले मे मे सिर्फ विद्यार्थी हीतो के काम और भावनगर शहर की बापूगीरी मे , मेरे बीपीटीआई कॉलेज सर्कल की सहपाठी और लड़कियो को निर्भीकता का वचन ! ▐
▐ मे ही हूँ जो बीजेपी और कॉंग्रेस के निजी युद्ध के कारण अपना करीयर और डिग्री गंवाई - एक शानदार भविष्य गंवाया - जब बीजेपी की सरकार थी - केशु भाई सीएम थे - और भरत बारोट - टेकनिकल शिक्षा मंत्री - जिनकी केबिन के अंदर जा कर मैंने आसमान सर पे उठा लिया था , खुद को निर्दोष साबित करने के लिए ... तब मूजे जवाब मिला था की कभी कभी सूखे घास के साथ हरी घास भी जल जाती है ! और मूज जैसे एक के लिए उनके पास कोई वक्त नहीं है ! तब से ही मे धूर विरोधी था - बीजेपी और केशुभाई का ! और हर राजनीतिज्ञ का ....... लेकिन जीवन मे हादसो की कतार लिए हमेशा जलता ही रहा हूँ बदनसीबी की आग मे - जब मेरा प्रेम और पारिवारिक जीवन भी बर्बाद हो गया - क्यूँ की मूजे चुनना था - केनेडा मे ग्रीन कार्ड और जॉब - या फिर देश मे ही रहकर मेरे जेसो के साथ हुए अन्याय के लिए लड़ना ...... तो मैंने भी .... केनेडा छोड़ दिया था .....! और देश को चुना था !
▐ जब सब कुछ लूट गया तो मरने की धुन सवार हो गई , लेकिन जीवन व्यर्थ गया था इस लिए मौत किसी के काम आ जाये इस लिए --- मरते मरते भी किसी एक की जिंदगी बचाता जाऊन - न्याय दिलाता जाऊन - इस लिए एक एनजीओ मे जूड़ा --- NEST India - Fights Against Crime and Corruption ! और ऐसे ऐसे पंगे लिए फिर भी सिर्फ धमकिया और एक ही बार खूनी हमला ---- उसमे भी मूजसे ज्यादा हमला करने वाला घायल हुआ बेचारे को अस्पताल भी मेरी टिम ले कर गई थी ....! कोई मार डाले इस इंतजार मे बहुत वक्त ना गंवा कर अपने कोम्प्यूटर पे ही ध्यान केन्द्रीत रखकर मुफ्त मे शिक्षा देना शुरू किया जिस कोर्स के 50,000 से 1 लाख तक फीस थे उसको मुफ्त मे करवाया पहले अपने गाँव मे और फिर बरोड़ा , अहमदाबाद और अब भरूच अंकलेश्वर - जहां जॉब मिली वहाँ फूल टाइम जॉब भी की पार्ट टाइम लोगो की मदद - [ जिसमे मेरा खुद का स्वार्थ था क्यूँ की मेरा अहम संतुस्ट होता था, की मे भी काम का हूँ , किसी को तो काम लगा ] करता रहा ! और एक दुर्घटना ने मौजे मेरे ही परीवार और समाज के कुछ लोगो के जूठे आरोपो और उनकी हलकी मानसिकता और नियत को सबूत के साथ पोल-खोल के लिए ही फेसबुक पे आया था !! फिर जिस तरह से फेसबुक मे देश प्रेम जग रहा था उस को देख कर अपना खुद का बदला लेना भूल गया और देश के लिए बदला लेने लगा !↨ क्यूँ की देश के असली इतिहास - किताबी और स्कूली नहीं - जानता था और बरबादी के मूल मे कौन है वो भी ! और बचपन से - आप कहेंगे मूजे किसने शिखाया तो वो है ---- नगेंद्र विजय और हर्षल पुष्कर्णा भारत का सबसे पहला एक मात्र सायन्स मेगेझिन - जो गुजराती और अब अङ्ग्रेज़ी मे प्रकाशित होता है और -सफारी - जिसने मेरे संस्कारो और देश भक्ति का माँ-बाप बनके सींचा है - जिसने मूजे हर विषय मे जानकार बनाया है ! उस ज्ञान के भंडार जैसे ... हर घर मे गीता रामायण के साथ ये मेगेजीन होना जरूरी है ! www.safari-india.com ▐ तो ये राम कहानी से आपका दिमाग खराब करना उद्देश्य नही था ...उद्देश्य वही की जब कोई खुद को और अपनी निजी जीवन को त्याग कर लोगो की और देश की सेवा मे समर्पित किया हो , ऐसे लोगो की भावनाओ का आदर करे ...क्यूँ की मे खुद उस श्रेणी मे आता हूँ ! और मोदी जी के मौन को समज शकता हूँ ! जिनके सीएम पद पर आने के बाद - बस चंद फेक्स - ईमेल और फोन कॉल से मैंने न्याय दिलाया है ---- जिनकी सीएमओ से मूजे पूर्ण सुरक्षा का वादा मीला था और निभाया भी था ..... जिसमे मूजे कहा गया था की अगर आप ने किसी के मांगने पर घूस दी तो आप पर भी कार्यवाही होगी ! और फ़ीर जा के माना मोदित्व मे व जयते !!
और सिस्टम और गवर्नमेंट के नंगेपन को एक के बाद एक कपड़े पहनते हुए देखा है ---! खुद को सर्वोपरि समाजने वाले --- अधिकारियों को पहली बार वे सरकार और जनता के नौकर है इस बात का एहसास होते हुए देखा है और एक एप्लीकेशन पे दौड़ते हुए देखा है ! एक अंकलेश्वर के एएसआई के नाम पर की गई मेरी फरियाद के दिन के तीसरे दिन के बाद ही विधान सभा चुनाव थे .....! मैंने सोचा था 1-2 महीने मे उसकी लग जाएगी ....! लेकिन तीसरे ही दीन उसको सस्पेंड होते हुए देखा है ----! जिस दिन से चुनाव शुरू हो रहे थे ....! उसी दिन आम आदमी की अर्जी का रिसपोन्स ????? आश्चर्य है ना !! आपसे पूछता हु...अपने कभी अपने या अपने आसपास हो रहे अन्याय- भ्राष्टाचार और गुनाह के सामने आवाज उठाई है ? है तो कहाँ तक ? सीएमओ फोन या लेटर से फेक्स से संपर्क किया है .... और अगर आप समजते है की आप को तब भी न्याय नहीं मीला .....तो आपका वो तथा कथित न्याय क्या किसी अन्य के लिए अन्यायपूर्ण था ? अगर आप खुद ही अपने आसपास की गण्डकी साफ नहीं करना चाहते तो उस गंदगी के सड़ने पर बीमार हो कर सरकार पे उंगली उठाने का आपको कोई हक नहीं ...! जय हिन्द - जय गुजरात ! मोदी सिर्फ एक ही बात ! █▌║││█║▌│║█║▌© Official Jugal Eguru™ page ✔ Help us for Grow . Like ✔ Tag ✔ Share ♥

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